दोस्तों, वास्तव में महात्मा गांधी के जीवन के संदेशों से प्रेरणा लेकर हम सभी उनकी तरह बन सकते हैं। अगर हम बापू के पूरे जीवन पर गौर करें, तो कोई एक घटना ही नहीं, बल्कि उनका संपूर्ण जीवन, यहां तक कि रोजमर्रा का जीवन, आदत-व्यवहार से भी कुछ न कुछ संदेश मिलते हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में..
रोज कुछ नया सीखने की जिद
बापू अपने को कभी बुजुर्ग मानते ही नहीं थे। वे हर रोज कुछ न कुछ सीखना चाहते थे। चाहे वह कोई नया शब्द ही क्यों न हो। मैं अपने जीवन के प्रथम चौदह वर्ष तक उनके निकट रही। गांधीजी बचपन से सत्य के लिए अटल रहते। सही-गलत को लेकर उनके मन में जो उथल-पुथल मची रहती थी, उसे सही दिशा देकर ही शांत होते थे। उनसे जब कभी भूल हो जाती थी, तो उसे वह जिंदगी भर सुधारते रहते।
पसंद नहीं था दिखावा
बापू दूसरी बार दक्षिण-अफ्रीका प्रवास पर थे। उस समय डरबन में प्लेग फैलने का डर था। इससे बचने के लिए घरों की साफ-सफाई बहुत जरूरी थी। उस समय अफ्रीका में माना जाता था कि भारतीय लोग सफाई पसंद नहीं होते हैं। बापू ने इसे गलत साबित करने के लिए भारतीय लोगों को अपना घर तथा गुसलखाने (बाथरूम) को साफ रखने की सलाह दी। उन्होंने यह उपदेश केवल दूसरों को ही नहीं दिया, बल्कि खुद भी घर-घर जाकर सफाई करने लगे। गांधीजी को दिखावा जरा भी पसंद था। वे जो कहते, पहले स्वयं पर प्रयोग करते थे। एक बार जब उन्हें इंग्लैंड के राजा के साथ चाय पीने का न्यौता मिला, तो उन्होंने अपनी वेशभूषा नहीं बदली। वहां के प्रेस वालों ने जब उनसे पूछा कि धोती-लंगोटी पहनकर राजा के महल में कैसे गए? ऐसा करना तो राजा के अपमान के बराबर है। गांधी जी ने कहा कि अगर उनसे मिलने के लिए मैं अपना वेश छोड़ देता और विदेशी पोशाक पहन लेता तो वह बेईमानी होती। इससे उनका ज्यादा अपमान होता।
अवगुण की अपेक्षा देखते थे गुण
बापू के आश्रम के एक सज्जन बड़े क्रोधी थे। वे किसी से बिना पूछे पुस्तकालय के अखबार भी ले जाया करते थे। जब यह बातें बापू को बताई गई, तो उन्होंने कहा, 'वे क्रोधी तो हैं, लेकिन परिश्रमी भी गजब के हैं। वे धुन के पक्के, निडर और हिम्मती भी हैं। वह बड़ी तन्मयता के साथ दूसरों की सेवा करते हैं। यहां तक कि रुपयों को सुरक्षित रखना भी वे बखूबी जानते थे।' उनका एक बहुचर्चित कोट यह भी है-अपराधियों की बजाय अपराध से घृणा करें। इस तरह वे लोगों में दोषों की अपेक्षा गुण को अधिक देखते थे।
Mahatma Gandhi Quotes in Hindi
1. 'आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए, मानवता सागर के समान है, अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।'
2. 'आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहां तक कि आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी भी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।'
3. 'अपनी भूलों को स्वीकारना उस झाडू के समान है जो गंदगी को साफ कर उस स्थान को पहले से ज्यादा स्वच्छ कर देती है।'
4. 'केवल प्रसन्नता ही एक मात्र इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कें तो उसकी कुछ बूंदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं।'
5. 'हमें सदा यह ध्यान रखना चाहिए कि शक्तिशाली से शक्तिशाली मनुष्य भी एक दिन कमजोर होता है और बुद्धिमान से बुद्धिमान व्यक्ति भी गलतियां करता है।'
6. 'सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों ज्यों सेवा की जाती है, त्यों त्यों उसमें अनेक फल आते हुए नजर आते हैं उनका अंत ही नहीं होता।'
7. 'बुद्धिमान लोग काम करने से पहले सोचते हैं और मूर्ख लोग काम करने के बाद।'
8. 'हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकड़ों की हत्या करना बहुादुरी नहीं है, ये कायरता से भी बदलत है, ये किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है।'